दबतोरी (बदायूं)। बृहस्पतिवार की रात महज ढाई साल की बच्ची घर से लापता हो गई। बच्ची की तलाश में निकले ग्रामीण अरिल नदी की कटरी में होते बदायूं की सीमा में आ गए। यहां ग्रामीणों को तंत्रक्रिया करने का सामान पड़ा मिला। आसपास तलाश करने पर गांव हरदासपुर की एक महिला के पास बच्ची मिल गई। महिला का कहना है कि बच्ची उन्हें जंगल में पड़ी मिली थी। ग्रामीणों का अनुमान है कि कोई तांत्रिक बच्ची की बलि देने के लिए उसका अपहरण किया था। घटना की तहरीर पुलिस को दी गई है।
घटना बरेली के थाना सिरौली क्षेत्र के गांव व्योदल खुर्द की है। गांव निवासी महेश प्रजापति गैर प्रांत में मजदूरी करता है। बृहस्पतिवार की रात उसकी पत्नी सुमित्रा अपने तीन पुत्रों और ढाई वर्षीय पुत्री सपना के साथ घर में सो रही थी। मध्यरात्रि में सुमित्रा की आंख खुली तो सपना अपने बिस्तर पर नहीं थी। आसपास तलाश करने के बाद सुमित्रा ने ग्रामीणों को मामले की जानकारी दी।
बच्ची की खोज में दर्जनों ग्रामीण अरिल नदी की कटरी की ओर निकल पड़े। बदायूं की सीमा में घुसने पर गांव वालों को तंत्र क्रिया का कुछ सामान पड़ा मिला। सामान को देख ग्रामीण दंग रह गए, और बच्ची की तलाश में जंगल की छानबीन शुरू कर दी। इस दौरान बरेली के ही गांव हरदासपुर निवासी कालीचरन की पत्नी समीरन के पास बच्ची मिल गई। कालीचरन ने बताया कि वह गांव के निर्माणाधीन विद्यालय में बतौर चौकीदार काम करता है। कोई व्यक्ति इस बच्ची को विद्यालय के पीछे जंगल में छोड़ गया। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर वह बच्ची को उठा लाए। ग्रामीणों ने बताया कि बच्ची को तांत्रिक बलि के उठाकर लाया था। उनके आने पर वह उसे जंगल में छोड़कर भाग निकला। घटना की तहरीर सिरौली थाना पुलिस को दी गई है। एसआई रणवीर यादव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।