बदायूं। जिले में खाद्य पदार्थों में मिलावट बड़े पैमाने पर की जा रही है। यही कारण है कि पिछले मई माह में भेजे गए 20 में से दस नमूने फेल आए हैं। इनमें दूध, पनीर, मिठाई और दाल शामिल हैं। मिर्च में पिछले साल घातक सूडान रसायन मिला था। इस समेत 11 दुकानदारों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मुकदमा दर्ज कराया है। जिस तरह से मिलावट बढ़ रही है उसके हिसाब से महकमा अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है। तमाम नगर, कस्बे ऐसे हैं जहां अफसर नमूने तक लेने नहीं पहुंचते। यदि नमूने ले भी लिए गए तो उसमें खेल हो जाता है।
पांच माह में लिए गए 59 नमूने
चालू वर्ष 2012 में जनवरी माह से 31 मई तक विभाग ने विभिन्न खाद्य पदार्थों के 59 नमूने लिए। इसमें दूध के 28, क्रीम के सात और बाकी खोया, पनीर, मसाले, मिठाई, शीतल पेय, सरसों के तेल, दालों के नमूने लिए गए थे। इनमें से 20 नमूनों की जांच विभाग को मिल गई है। दस फेल आए हैं। दूध, पनीर में वसा कम मिला है। मिठाई में खाद्य रंग अधिक मिला पाया गया। अरहर की दाल में घुन लगा मिला, जो खराब हो चुकी थी। फेल आए अधिकांश नमूने शहर के हैं। सूत्र बताते हैं कि नमूनों को सही करने में खेल चल रहा है।
प्रयोग से ये होता है नुकसान
जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. हरपाल सिंह का कहना है कि दूध और पनीर को जिस उद्देश्य से प्रयोग में लाया जाता है यदि उसमें प्रोटीन, वसा नहीं होगा तो उसके प्रयोग का कोई महत्व नहीं बच जाता। मिठाई में अधिक रंग मिले होने से पेट दर्द, उल्टी, जी मचलाना आदि हो सकता है। घुन लगी हुई दाल के प्रयोग से फूड प्वाइजनिंग हो सकती है।
पांच माह में 59 नमूने विभिन्न खाद्य पदार्थों के जिले भर से लिए गए थे। बीस नमूनों की जांच आई है,इसमें दस फेल आए हैं। सभी दुकानदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। -संजय शर्मा, अभिहीत अधिकारी