बदायूं। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय गरीब परिवारों की बालिकाओं के खोले गए थे, ताकि परिवार पर पढ़ाई का बोझ न पड़े, लेकिन इनका लाभ शहर और सहसवान नगर की छात्राओं को नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि शहरी इलाकों में खुलने वाले यह स्कूल देहात में स्थापित कर दिए गए। इस तरह इन गरीब बालिकाओं का हक मारा गया।
विदित हो कि प्रदेश में सबसे अधिक कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बदायूं में खोले गए थे। इनकी संख्या 21 है। यह जगत, समरेर, म्याऊ, अंबियापुर, दहगवां, वजीरगंज, आसफपुर, बिसौली, रजपुरा, जुनावई, गुन्नौर, उझानी, कादरचौक, सालारपुर, दातागंज, इस्लामनगर, उसावां आदि ब्लाकों में खुले हैं। इसी क्रम में शहर और सहसवान नगर शामिल था। शिक्षा महकमे के अफसरों ने यह स्कूल निर्धारित जगह न बनवाकर देहात इलाके में बनवा दिए गए। शहर का बा स्कूल शेखूपुर में स्थापित करा दिया। इसकी दूरी मुख्यालय से पांच किमी है। वहीं सहसवान नगर का स्कूल खंदक में बनवा दिया गया। इसकी दूरी भी तहसील मुख्यालय से सात किमी दूर है।
लोगों का कहना है कि दूरी अधिक होने के कारण छात्राएं हर दिन घर नहीं आ पाती। स्कूल में रोकना नहीं चाहते हैं। इस संबंध में बीएसए कृपाशंकर वर्मा का कहना है कि यह मामला पुराना है। इसकी पत्रावली दिखवाएंगे।
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