पांच साल बाद हुआ मामले का खुलासा
दातागंज (बदायूं)। क्षेत्र के गांव बखतपुर में महिला की मौत के बाद पहले लेखपाल ने वास्तविक हकदार महिला के तीन बेटों के नाम जमीन की फौती कर दी और 36 दिन बाद गांव के दूसरे लोगों के नाम इसी जमीन की फौती कर दी। जबकि इन लोगों का मृतक महिला से दूर का भी नाता नहीं है। पांच साल बाद जब दूसरा पक्ष जमीन पर कब्जा लेने आया तो मामले का खुलासा हुआ।
हजरतपुर थाना क्षेत्र के गांव बखतपुर में वर्ष 2007 में अमरवती नामक महिला की मौत हो गई। उसके पति श्रीराम की मौत पहले ही हो चुकी थी। हल्का लेखपाल ने 19 जून 2007 को मृतक महिला के पुत्र गजेंद्रपाल, जितेंद्र सिंह और मुनेंद्र सिंह के नाम फौती कर दी। इसके 36 दिन बाद उसी लेखपाल ने मृतक अमरवती के स्थान पर अनेकपाल सिंह और मुनेंद्र सिंह पुत्रगण रामसिंह निवासी आवास विकास बदायूं के नाम 25 जुलाई 2007 को फौती दर्ज कर दी। इंतखाब में दोनों ही फौती दर्ज चल रही हैं। पहली वाली फौती को गलत साबित किए बगैर दूसरी फौती क्यों की गई और मृतक महिला का जब दूसरी फौती वालों से कोई संबंध ही नहीं था तो उन्हें बतौर वारिसान कैसे अभिलेखों में दर्ज कर दिया, इसका जवाब तहसील के किसी अधिकारी के पास नहीं है।
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वर्जन-------
बखतपुर गांव में मृतक अमरवती की जमीन के वारिसानों के नाम दो बार अंकित होना हतप्रभ करने वाला है। थोड़ी कानूनी प्रक्रिया के बाद असली वारिस ही जमीन के मालिक होंगे। अगर इस मामले में लेखपाल दोषी है तो उस पर कार्रवाई होगी।
-महेश प्रकाश, तहसीलदार