सुशील कुमार
बदायूं। कई साल बाद निजी नलकूपों के बिजली कनेक्शन को हरी झंडी मिली तो किसानों के चेहरों पर रौनक आई, लेकिन एक सप्ताह में ही यह गायब हो गई। इसका प्रमुख कारण कनेक्शन के नाम पर हो रही अवैध वसूली है। प्रोसेसिंग फीस 200 रुपये निर्धारित है, पर दो हजार तक ली जा रही है। सुबह हो या शाम या फिर रात हर समय दलाल क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं। वह किसानों को यह समझाने में लगे हैं कि कनेक्शन के लिए जो लक्ष्य मिला है वह सीमित है। इसलिए जल्दी कनेक्शन ले लें। इसके बदले में मोटी रकम वसूली जा रही है। बिजली विभाग के अफसरों को इस खेल का पूरा पता है। वह किसी को निर्धारित शुल्क नहीं बताना चाहते, क्योंकि उनके इस खेल का पर्दाफाश हो जाएगा।
यह है लक्ष्य-
बिजली विभाग के तीन जोन बने है। इसमें बदायूं, बदायूं टू और बिसौली हैं। सभी अधिकारियों को इलाके बंटे हैं। निजी नलकूप के 650 कनेक्शन जिलेभर के किसानों को दिए जाने हैं। इसके लिए 11 ब्लाक खुले हैं। इन्हीं ब्लाकों में यह कनेक्शन होंगे। इसमें जगत, समरेर, म्याऊ, दहगवां, वजीरगंज, रजपुरा, उझानी, कादरचौक, सालारपुर, दातागंज, उसावां शामिल हैं। सात ब्लाक डार्क जोन की श्रेणी में आते हैं। इसमें सहसवान, अंबियापुर, आसफपुर, बिसौली, जुनावई, गुन्नौर और इस्लामनगर शामिल हैं।
यह है शुल्क-
सामान्य छूट योजना के तहत एक किसान को कनेक्शन पर 68000 की छूट दी जाती है। इससे ऊपर जो यदि जेई ने स्टीमेट बनाया है तो उसका शुल्क अधिक लगेगा। यदि छूट के बराबर खर्च है तो किसानों को केवल कनेक्शन चार्जेज लगभग 12 हजार रुपये देने होंगे। इसके लिए किसान को विभाग में आवेदन करना होगा। प्रोसेसिंग फीस यानी 200 रुपये जमा करने होंगे। उसके बाद संबंधित क्षेत्र के जूनियर इंजीनियर स्टीमेट तैयार करेंगे। यह स्टोर में भेजा जाएगा। सामान की उपलब्धता होने पर कनेक्शन दिया जाएगा। किसानों को औपचारिकता के लिए खसरा, खतौनी के अलावा बोरिंग सर्टिफिकेट दिखाना होगा।
ऐसे हो रहा खेल-
विभागीय सूत्रों के अनुसार जिन ब्लाकों में कनेक्शन दिए जाने हैं उनमें दलाल सक्रिय हो गए हैं। इनका संबंध बड़े अफसरों से है। इस संबंध में अधीक्षण अभियंता गिरीश कुमार से जानकारी लेना चाही तो उन्होंने फोन रिसीव कर काट दिया। विद्युत वितरण खंड प्रथम के एक्सईएन पीके जैन ने भी दूसरे खंड के एक्सईएन पर मामला टाल दिया।
महकमा कनेक्शन संबंधित जेई की रिपोर्ट के बाद देगा। इसके लिए सर्वे शुरु हो गया है। डार्क ब्लाकों में कनेक्शन नहीं दिए जाएंगे। अवैध वसूली की कोई शिकायत नहीं मिली है।-एनपी सिंह, एक्सईएन, विद्युत वितरण खंड तृतीय
बोरिंग सर्टिफिकेट विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे। चार माह में 1334 बोरिंग विभाग निशुल्क बनाएगा। 15 से 20 मीटर गहराई की होंगी। डार्क ब्लाक में यह सुविधा नहीं होगी।- जीआर सिंह, एक्सईएन, लघु सिंचाई
लुट रहे हैं किसान
देवरमई के किसान नत्थूराम का कहना है कि प्रोसेसिंग फीस के नाम पर दो हजार रुपये तक लिए जा रहे हैं। गांव में तमाम दलाल घूम रहे हैं। किसानों को लूटा जा रहा है।
कैंप लगवाकर कटवाई जाए पर्ची
रैंदा गांव के किसान सियाराम का कहना है कि जिला प्रशासन कैंप लगवाकर किसानों की पर्ची कटवाए। ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके और इस खेेल की पोल खुल सके।
स्टीमेट अधिक बनाया जा रहा
कैल गांव के किसान राधेश्याम का कहना है कि इंजीनियर अधिक स्टीमेट बना रहे हैं जबकि उतना खर्च आ ही नहीं रहा। रकम कम करवाने के नाम पर वसूली की जा रही है।
खेल में पूरा महकमा शामिल
खरकोरी गांव निवासी लालसिंह का कहना है कि इस खेल में महकमा शामिल है। किसानों की कोई नहीं सुनने वाला। अब तक तमाम लोग लाखों रुपये कनेक्शन के नाम पर वसूल चुके हैं।