दातागंज (बदायूं)। कोतवाली क्षेत्र के गांव दुधारी के बाशिंदों कोयह नहीं पता था कि बृहस्पतिवार का दिन उनके लिए आफत बनकर आएगा। घूरे के ढेर से उठी चिंगारी एक छप्पर में लगी, इसकेबाद तो लपटें बढ़ती चली गईं और देखते-देखते सौ से अधिक घर जलकर राख हो गए। दिन में 11 बजे शुरू हुआ यह अग्निकांड निरंतर विकराल रूप लेता गया, रात आठ बजे दमकल की गाड़ियों ने स्थिति पर काबू किया। इस बीच अंधड़ भी थम गया था। इससे पूर्व ग्रामीण बाल्टियों और अन्य बर्तनों में पानी भरकर आग पर फेंकते रहे जो नाकाफी साबित हुई। तेज हवा में लपटें एक से दूसरे घर और छप्पर को गिरफ्त में लेती गईं, दमकल की गाड़ी बरेली से दिन में लगभग दो बजे पहुंची, फिर भी स्थिति नियंत्रति नहीं हो पाई।
सौ से अधिक घरों में रहने वाले हर परिवारों केदो से पांच सदस्यों की संख्या पांच सौ से ऊपर पहुंच गई है। वह अब आसमान तले पहुंच गए हैं। घर में रखा अनाज, कपड़ा, बिस्तर, चारपाई, फर्नीचर एवं अन्य सामान जल गए। तमाम लोगों के तन पर भी जो कपड़े थे वह आग बुझाने में या तो फट गए या झुलस गए। दुधारी गांव में बचे लगभग पौने दो सौ घरों के लोग अग्निपीड़ितों एवं उनके परिवार केबच्चों-महिलाओं के लिए भोजन एवं कपड़े की व्यवस्था में लगे रहे। रात आठ बजे लपटें तो शांत हो र्गईं लेकिन आग दहकती रहीं। कई घरों से धुआं उठता रहा, आठ घंटे तक पूरे गांव में अफरातफरी का माहौल था। इस दौरान स्थानीय पुलिस पहुंची लेकिन वह भी बेबस नजर आई, प्रशासनिक अफसर तो रात तक नहीं पहुंचे।
घर जलते रहे लेखपाल आंकलन में लगे रहे
घटना के पांच घंटे बाद हांफते-डाफते कानूनगो और लेखपाल पहुंचे, वह जल रहे घरों में हो रहे नुकसान के आंकलन में लगे रहे। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने कानूनगो और लेखपाल को जमकर खरीखोटी सुनाई। कहा घर जल रहे हैं और आप आकलन में लगे हैं, यह आकलन तो आग बुझने के बाद भी हो सकता है।
तीन सौ घरों में रहता था कुनबा
लगभग चार हजार की आबादी वाले गांव दुधारी में तीन सौ परिवार रहते हैं। घटना बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न लगभग 11 बजे की है। गांव के पश्चिम थोक में पड़े घूर के ढेर में लगी आग ने सबसे पहले रिशलदार के घर को चपेट में ले लिया। तेज हवा और अंधड़ के चलते किसी का कोई वश नहीं चल रहा था।
इनके घर जल गए
आग ने गांव के हरद्वारी, अजयपाल, राधेश्याम, शिशुपाल, अनोखेलाल, छुन्ने, पप्पू, प्रेमपाल, हरीश चंद्र, नरेशपाल, बाबू, रक्षपाल, रामप्रसाद, कुंवरपाल, हरिशंकर, नेमचंद्र, पप्पू कश्यप, रामदीन, लल्लू, भगवान सिंह, सुशीला देवी, ननकू, श्यामपाल सिंह, दुलीराम, जमुना, राजपाल सिंह, बहोरन सिंह, नरेशपाल, वीरपाल सिंह, बलवीर सिंह, नंदकिशोर, रामवीर सिंह, सेवाराम, फूलचंद, हरिराम, कन्हई, लाला, रामस्वरूप, विष्णु, सूरजपाल, राजीव, चिरौंजीलाल, गेंदनलाल और प्रेमचंद्र आदि के घरों को चपेट में ले लिया। ग्रामीणों ने पंपिंग सेट चलाकर गांव के नालों में पानी छोड़ना शुरू किया। इसी नालों से ग्रामीणों ने बाल्टी और अन्य बर्तनों में पानी भरकर आग पर डालना शुरू कर दिया। आग से गांव में बंधी तीन भैंसे और दो बछड़े भी झुलस गए।
बुर्जियों की आग बनी सिरदर्द
घरों में लगी आग पर तो ग्रामीणों ने काबू पा लिया लेकिन बुर्जियों में लगी आग दमकलकर्मियों का सिरदर्द बन गई। कर्मचारी एक ओर की आग बुझाकर दूसरी तरफ जाते, इतनी देर में भूसे में दबी आग हवा के कारण पुन: विकराल रूप ले लेती। देर शाम तक यही चलता रहा।
तहसील की टीम ने झेला ग्रामीणों का कोप
आग लगने की सूचना पर कोतवाली पुलिस तो मौके पर पहुंच गई लेकिन तहसील प्रशासन की टीम को घटनास्थल पर पहुंचने में देरी हो गई। दमकलगाड़ी न पहुंचने से आक्रोशित ग्रामीणों का कोप तहसील प्रशासन की टीम को सहना पड़ा। इसके चलते ग्रामीणों ने टीम को खरीखोटी सुनाईं। विधायक सिनोद कुमार शाक्य और निवर्तमान चेयरमैन राजीव गुप्ता ने मौके पर पहुंचकर अग्निपीड़ितों का हाल जाना। दोनों नेताओं ने देर शाम ग्रामीणों के खाने और कपड़े केइंतजाम के लिए कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया।
आग से कई घरों की छत ढह गई
गांव में अधिकांश मकान पक्केहैं लेकिन उन पर छतों के स्थान पर कड़ियां पड़ी हैं। आग में कड़ियां जलकर नीचे आ गिरीं तो छत भी जमीन पर आ गई। इस तरह केवल दीवारें बची रह गई हैं। इनमें रहने वाले परिवार भी आसमान तले आ गए हैं।
आग से चार आशियाने राख
सिलहरी। थाना सिविल लाइंस क्षेत्र केगांव बरातेगदार निवासी प्रेमपाल के घर में बृहस्पतिवार की दोपहर अचानक आग लग गई। आग ने पड़ोसी प्रेमवती, वेदपाल, पुत्तूलाल के घरों को भी चपेट में ले लिया। आग से प्रेमपाल के घर में रखा पुत्री की शादी का सामान और नकदी जल गई, इसके अलावा वेदपाल का एक डनलप जल गया और बैल झुलस गए। बिल्सी से पहुंची दमकल विभाग की टीम ने आग पर काबू पाया। भुक्तभोगियों के अनुसार आग से लगभग दो लाख रुपये की क्षति हुई है।
आग से 12 घर जले, हजारों की क्षति
बिसौली/आसफपुर। थाना फैजगंज बेहटा क्षेत्र के गांव जगतुआ में बृहस्पतिवार की दोपहर लगभग 12 बजे उमेश चंद्र शर्मा के घर में अचानक आग लग गई। कुछ देर में ही आग ने शिशुपाल, टीटू और उमेश के घरों को चपेट में ले लिया। इससे उनके ट्रैक्टर जल गए। इसके अलावा आग की चपेट में आकर हितेंद्र, सुदेश, हरस्वरूप, जयपाल, गोकुल और देवेंद्र का हजारों रुपये का भूसा राख के ढेर में बदल गया। आग बुझाने के प्रयास में गांव के जितेंद्र, विपिन, धर्मेंद्र और सतीश शर्मा समेत छह लोग गंभीर रूप से झुलस गए। दोपहर लगभग तीन बजे दमकल विभाग की गाड़ी भी पहुंच गई लेकिन तब तक ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया था। आग से गांव के लगभग एक दर्जन मवेशी भी झुलसे हैं।