कादरचौक (बदायूं)। पुलिस को न मानवाधिकार की चिंता रही, न महिलाओं के प्रति उसके मन में कोई सम्मान और न ही मासूमियत का खयाल। बृहस्पतिवार को थाने के एक दरोगा की करतूत ने यही साबित किया। जनाब एक मामले में विरोध दर्ज कराने आई महिलाओं पर डंडे बरसाने लगे। एक साल की मासूम बच्ची के पैर में भी डंडा मार दिया। इससे भड़के ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर दिया। पथराव की नौबत आती कि इससे पहले ही कुछ लोगों की समझदारी से मामला शांत हो गया।
मामला शुरू हुआ गांव कुड़ा शाहपुर निवासी महीपाल कश्यप और उसके भाई राजेंद्र कश्यप के बीच बुधवार की रात किसी बात को लेकर झगड़े से। बृहस्पतिवार को करीब 11 बजे दोनों एक-दूसरे के खिलाफ तहरीर लेकर थाने पहुंचे। पुलिस ने दोनों को वहीं बैठा लिया। महीपाल की पत्नी मीरा और राजेंद्र की पत्नी मीना ने इसका विरोध किया तो दरोगा पीतांबर सिंह ने उनको डंडे से मारना शुरू कर दिया। इस दौरान दरोगा का डंडा मीरा के गोद में बैठी उसकी एक साल की बेटी प्रीति की टांग पर पड़ा तो वह चीख उठी। इसके बाद तो दोनों महिलाएं दरोगा पर हमलावर हो गईं। उनके तेवर देख दरोगा वहां से चला गया। इस बीच वहां इकट्ठा हुए ग्रामीणों ने दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर थाना घेर लिया।
लगभग दो घंटे तक भीड़ थाने का घेराव करने के साथ ही पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करती रही। बाद में सिपाही विजेंद्र ने बीचबचाव कर भीड़ को शांत कराया। पुलिस ने भी दोनों भाइयों को छोड़ दिया। एसपी सिटी पियूष श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मामला दबाए बैठे रहे एसओ
बदायूं। भीड़ दो घंटे तक थाना घेरे रही, यहां तक कि वहां पुलिस पर पथराव की स्थिति भी बन रही थी लेकिन हमेशा की तरह एसओ देवराज राठी महकमे के अधिकारियों से इस प्रकरण को छुपाए बैठे रहे। इस दौरान किसी ने एसपी सिटी पियूष श्रीवास्तव को थाने का घेराव होने की सूचना दी। एसपी सिटी के पूछने पर एसओ ने प्रकरण की जानकारी दी।