बदायूं। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में अज्ञात शव मिलने का सिलसिला थम नहीं रहा है। इस वर्ष में अभी तक जिले में 17 अज्ञात लाशें मिल चुकी हैं। इनमें अधिकांश शव पुरुषों के हैं। अभी तक एक भी शव की शिनाख्त नहीं हो सकी है। अधिकारियों का कहना है कि शिनाख्त कराने का प्रयास जारी है। इसकी हर महीने अधिकारियों को रिपोर्ट भी भेजी जाती है।
जिले में अज्ञात लाशें मिलने की शुरूआत बीती 27 जनवरी से हुई है। इस दिन सदर कोतवाली इलाके के कबूलपुरा के जंगल में एक युगल का शव पड़ा मिला था। किसी ने दोनों की गला दबाकर हत्या कर दी थी। दोनों का आपस में क्या रिश्ता था, यह शिनाख्त न होने की वजह से स्पष्ट नहीं हो सका है। इसके बाद सिविल लाइंस इलाके में लालपुल केजंगल में एक अधेड़ का सिरकटा शव मिला था। अज्ञात शव मिलने का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ बल्कि फैजगंज बेहटा, कादरचौक, बिनावर, बिसौली, बिल्सी और सहसवान इलाकों में भी अज्ञात शव मिले। पिछले दिनों थाना वजीरगंज क्षेत्र में एक गर्भवती का शव भी मिला था। इसे हत्यारों ने जलाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीणों के पहुंचने पर शव को छोड़कर भाग निकले।
नौ जिलों का केंद्र होने के कारण मिलता है लाभ
बदायूं नौ जिलों भीमनगर, बरेली, रामपुर, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, मुरादाबाद और काशीरामनगर समेत नौ जिले की सीमा से सटा है। इसका फायदा बदमाश उठाते हैं। आसपास जिलों के बदमाश भी हत्या करके शवों को बदायूं की सीमा में डाल देते हैं।
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एक शव की नहीं होने दी शिनाख्त
बीती पांच अप्रैल को थाना कादरचौक क्षेत्र के गांव दोरीनगला के पास एक अज्ञात अधेड़ का शव मिला था। कुछ दिन बाद थाना बिनावर क्षेत्र की एक महिला ने थाने पहुंचकर शव अपने पति डालचंद्र का होने की बात कही थी। साथ ही थाने में दर्ज डालचंद्र की गुमशुदगी की प्रति भी थाने के अधिकारी को दिखाई थी। थाना पुलिस द्वारा दिखाई गई शव की फोटो को देखकर भी महिला ने इसकी शिनाख्त डालचंद्र के रूप में करते हुए कपड़े दिखाने को कहा लेकिन पुलिस ने महिला को यह कहकर टरका दिया कि कपड़े जांच को भेजे गए हैं।
अज्ञात शव मिलते ही उनकी फोटोग्राफी कराई जाती है। बाद में उनके कपड़े भी सुरक्षित रखते हैं। साथ ही आसपास के जिलों के जिला अपराध अभिलेख केंद्र को भी इसकी जानकारी देते हैं। ताकि उनके जिले से लापता और अपहृत लोगों के परिवार के लोगों को लाश मिलने की सूचना दी जा सके। सभी शवों की शिनाख्त का प्रयास जारी है।
पियूष श्रीवास्तव, एसपी सिटी