बदायूं। कन्या भ्रूण हत्या के मामले में कोर्ट में वाद दर्ज होने के बाद हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग की तीन सदस्यीय टीम ने मंगलवार को गुप्ता नर्सिंग होम तथा मैटरनिटी होम पर छापा मारा। लगभग 35 मिनट तक चली इस जांच में तमाम अभिलेख नहीं मिले। शैक्षिक डिग्रियां भी वह नहीं थी जो होनी चाहिए थी। आरोपी चिकित्सकों से बंद अल्ट्रासाउंड रूम में पूछताछ की गई। सीएमओ डॉ. सुखबीर सिंह के अनुसार जांच में तमाम कमियां मिली हैं। टीम की जांच रिपोर्ट डीएम को भेजेंगे। आगे की कार्रवाई डीएम के आदेश पर होगी।
विदित हो कि 28 अप्रैल को एडवोकेट गजेंद्र प्रताप सिंह की शिकायत पर सीजेएम की अदालत में गुप्ता नर्सिंग होम तथा मैटरनिटी होम की संचालक डॉ. सुनीति गुप्ता, डॉ. सुरेश चंद्र गुप्ता और डॉ. रितुज चंद्रा पर कन्या भ्रूण हत्या के मामले में वाद दायर हुआ। सात मई को एडवोकेट श्री सिंह के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की अदालत में बयान दर्ज हुए। अगले बयान धारा 202 सीआरपीसी के तहत 11 जून को दर्ज होंगे।
मामला प्रकाश में आने के बाद सीएमओ ने बीते रविवार को कन्या भ्रूण हत्या पर निगरानी रखने के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी डॉ. आरके शर्मा से चार्ज से हटा दिया। उन्हीं के आदेश पर सोमवार को नए नोडल अधिकारी डॉ. आरके वर्मा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम ने दोपहर 1.07 बजे नर्सिंग होम पर छापा मारा। टीम ने अल्ट्रासाउंड कक्ष में जाकर वहां मौजूद अभिलेख देखे। इसके अलावा मशीन को चेक किया। टीम ने अल्ट्रासाउंड केंद्र की वैधता चेक करने को अभिलेख भी मांगे। तीनों आरोपी चिकित्सकों से बंद कमरे में पूछताछ की गई। इसके अलावा अन्य जरूरी कागजात भी देखे। टीम में डॉ. प्रभाकर बंधु और डॉ. सुषमा शर्मा भी शामिल रहीं।
सीएमओ डॉ. सुखबीर सिंह ने बताया कि जांच को गई टीम को कई अभिलेख कम मिले हैं। शैक्षिक डिग्रियां भी नहीं मिलीं। अल्ट्रासाउंड के लिए रेडियोलोजिस्ट की डिग्री जरूरी है वही भी नहीं थी। अनुभव भी चिकित्सकों का कम है। यह जांच रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी। आगे की कार्रवाई उन्हीं के आदेश पर करेंगे।
नहीं है रेडियोलोजिस्ट की डिग्री
मीडिया द्वारा पूछने पर डॉ. सुनीति गुप्ता ने बताया कि अल्ट्रासाउंड केंद्र के लिए रेडियोलोजिस्ट की डिग्री नहीं है। फिर अल्ट्रासांउड केंद्र का संचालन क्यों किया जा रहा है के सवाल पर बोलीं- इसका संचालन मैं नहीं डॉ. सुरेश चंद्र गुप्ता कर रहे हैं। उनके पास ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट है, जो सीएमओ कार्यालय से रिनुअल होता है।
नर्सिंग होम किया जाए सील
एडवोकेट गजेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि प्रस्तुत वीडियो साक्ष्यों के आधार पर प्रथम दृष्ट्या जनहित में गुप्ता नर्सिंग होम तथा मैटरनिटी होम को सील किया जाना अति आवश्यक है।
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